मदरसा

मदरसा

  • 1924 में हज़रत मोहसिने मिल्लत ने सुल्तानुल हिन्द सय्यदना ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ रदिअल्लाहो तआला अन्हो के ख़ामोश इशारे पर इस मदरसा की बुनियाद ड़ाली।
  • 1942 ई. में कई साल की लगातार मेहनत और कोशिश से इस अज़ीम किले की तामीर ने तकमील की शक्ल इख्तियार की ।
  • 1947 ई. में आज़ादिये हिन्द के साथ मुसलमानो की आज़माईश का नया दौर शुरु हुआ जिसमें बातिल परस्तों का मुक़ाबला करने के लिये तालीम के साथ मुजाहिदाना तरबियत का एहतिमाम किया गया ।
  • 1962 ई. में दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालिम से भी बच्चों को नए मुस्तक़बिल का मेमार बनाने के लिये ऐग्लो उर्दू मिडिल स्कूल की बुनियाद डाली गई ।
  • 1965 ई. में नौजवानो को आला इल्मी जौक व शौक और ज़माने के उलूम मे माहिर बनाने के लिये ऐंग्लो उर्दू हाई स्कूल का मंसूबा मुकम्मल किया गया ।
  • 1982 ई. में तलबा की कसरत की वजह से पुरानी बिल्डिंग के ना काफी हो जाने पर फिर से तामीरी सिलसिला शुरू किया गया । जो अभी तक जारी हैं ।
  • इस्लामिक ला (शरीयत) की हिफाज़त के लिए 1985 में मुस्लिम पर्सनल ला कांफ्रेंस कर के लाखों लोगों में ईमानी बेदारी पैदा की गई।
  • छत्तीसगढ़ की धरती पर पहली बार 1989 में ख़त्मे बुख़ारी शरीफ का दर्स हुआ।
  • 1990 में मज़हबी तालीम के साथ जदीद दुनियावी तालीम (आधुनिक शिझा) के लिये टेक्निकल एजूकेशन और तिब्बिया कालेज के सिम्त क़दम बढ़ाए गए ताकि बच्चों का मुस्तक़बिल रोज़गार की द्रष्टि कोंण से और रौशन हो सके।
  • 1991 से समर इस्लामिक एजूकेशन के ज़रिये गर्मियों की छुट्टी में कालेज और स्कूल के स्टूडेन्ट में दीनी व इल्मी शौक पैदा करने और ईमानी बेदारी का जज़्बा परवान चढ़ाने का प्रोग्राम चलाया गया जो आज तक चल रहा है।
  • ग़रीब नवाज़ फोरम क़ाएम किया गया जिस के ज़रिये आधुनिक शिझा के झेत्र में कई महत्त्वपूर्ण कार्य किये गए। विशेष कर तिब्बिया कालेज का प्रोग्राम बनाया गया।
  • 1996 से हर साल स्कूल और कालेज के बच्चों में दीनी उमंग पैदा करने के साथ उनमें तालीमी शौक के लिये इन्टेलीजेन्ट स्टूडेन्ट को इनामात (पुरस्कार) सर्टिफिकेट से सम्मानित किया जाता है।

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मदरसा इस्लाहुल मुस्लेमीन जो एक अर्बिक युनिवर्सिटी है आपके शहर रायपुर को व बेरुनी शहर को दिलो जान से इस्लामीक खिदमात अंजाम दे रहा है । आप हज़रात से गुज़ारिश है कि हमारे मदरसे को ज़्यादा से ज्यादा ताउन फरमाकर सवाबे दारैन हासिल करें मदरसा में तालीमी साल शुरू हो चूका है तालीमी मियर बुलंद करने के लिए पुराने मुद्रिसिंन के अलावा नये मुद्र्रिसिंन का भी इजा फा किया गया है राब्ता करने का तरिका :

बैंक का नाम : भारतीय स्टेट बैंक
खाते का नाम : Mohammad Ali Farooqui
खाता संख्या : 30913259716
मोबाइल नंबर : 9425231208 / 7869228125